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Language | Hindi |
eBook – हिन्दू राष्ट्र आक्षेप एवं खण्डन (Hindi Edition) Kindle Edition
₹50
Also available in: Marathi
इन आक्षेपोंकी वास्तविकता क्या है ? भारत स्वयम्भू ‘हिन्दू राष्ट्र’ है क्या ? एवं ‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापनाके लिए कार्य करनेवालोंका मूलभूत विचार क्या है’, इन प्रश्नोंका उत्तर देने हेतु यह ग्रन्थ है ।
अनादि कालसे ‘हिन्दू राष्ट्र’ भारतकी पहचान थी । इस्लाम एवं ब्रिटिश शासनकालमें भी हिन्दू राजाओंने यह पहचान बनाए रखी थी । वर्ष १९४७ के विभाजनके उपरान्त भारतकी यह पहचान मिटानेका संविधान सभामें असफल प्रयत्न हुआ । तथापि वर्ष १९७६ में इंदिरा गांधीने असंवैधानिक पद्धतिसे भारतीय संविधानमें ‘सेक्युलर’ शब्द जोडकर भारतकी ‘हिन्दू राष्ट्र’ यह पहचान समाप्त कर दी । आज लगभग ४२ वर्षाेंमें ही विदेशी ‘सेक्युलर’वाद सम्माननीय है और ‘हिन्दू राष्ट्र’ निकृष्ट श्रेणीका माना जा रहा है । उससे भी आगे वर्तमानमें ‘हिन्दू राष्ट्र’का उच्चार ही अवैध सिद्ध करनेका दुष्ट प्रयत्न चल रहे हैं । यही स्थिति बनी रही, तो भविष्यमें भारत ‘अहिन्दू राष्ट्र’ होनेका भय है । ऐसे समयपर ‘हिन्दू राष्ट्र’ इस विषयके सन्दर्भमें आक्षेपोंका खण्डन करना आवश्यक है । यही इस ग्रन्थका प्रयोजन है ।
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