Weight | 0.127 kg |
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No of Pages | 100 |
ISBN | 978-93-5257-147-5 |
Language | Hindi |
Guidance | सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले |
Compilers | पू. (स्व.) वैद्य विनय भावे एवं वैद्य मेघराज पराडकर विशेष सहायता : डाॅ. दिगंबर मोकाट, वनस्पतिशास्त्र विभाग, सा. फु. पुणे विद्यापीठ. |
स्थानकी उपलब्धताके अनुसार औषधीय वनस्पतियोंका रोपण
₹100 ₹90
बचपनमें सर्दी-खांसी-ज्वर होनेपर दादीने हमें तुलसीका काढा पिलाया और एक घण्टेमें ही पसीना आकर हमें अच्छा लगा, यह आपको याद होगा।
‘एलोपैथी’ने हमें दिनमें तीन बार ‘एक श्वेत गोली – एक पीली गोली’ लेना सिखाया और हम आयुर्वेदको भूल गए; परन्तु अब हमें आयुर्वेदकी ओर मुडना ही होगा ।
प्रस्तुत ग्रन्थमें २०० से अधिक औषधीय वनस्पतियोंका समावेश किया गया है । सदनिकाके (‘फ्लैट’के) बरामदेमें (गैलरीमें) लगानेयोग्य, घरके पिछवाडेमें लगानेयोग्य, परती भूमिमें अत्यल्प श्रम कर लगानेयोग्य तथा बीच फसलमें अंतर्वर्ती फसलके रूपमें लगानेयोग्य औषधीय वनस्पति, ऐसा उनका वर्गीकरण किया है ।
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