Weight | 0.079 kg |
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No of Pages | 60 |
ISBN | 978-93-83236-07-7 |
Language | Hindi |
Group | 2562 |
Compilers | सद्गुरु डाॅ. चारुदत्त प्रभाकर पिंगळे |
इतिहास-संस्कृति रक्षा एवं हिंदू राष्ट्रकी स्थापना
₹60 ₹54
Also available in: Marathi
१० से १४ जून २०१२ की कालावधिमें रामनाथी, गोवामें ‘हिंदू जनजागृति समिति’की ओरसे आयोजित प्रथम ‘अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन’, ‘हिंदू राष्ट्रकी स्थापना’ हेतु बढा प्रथम ऐतिहासिक पग था । इस अधिवेशनमें निरंतर पांच दिनोंतक विविध हिंदुत्वनिष्ठ मान्यवरोंने विविध राष्ट्रीय एवं धार्मिक समस्याओंका अभ्यासपूर्ण विवेचन किया । इस ऐतिहासिक अधिवेशनमें प्रस्तुत हिंदुत्वनिष्ठ मान्यवरोंके विचार हम तीन ग्रंथमालाके रूपमें प्रस्तुत कर रहे हैं ।
इस ग्रंथमालाके पहले भागमें धर्माभिमानी वक्ताओंके ‘आंग्ल शिक्षाव्यवस्था एवं इतिहासका विकृतिकरण’, ‘संस्कृतिरक्षा’, ‘हिंदू राष्ट्रकी स्थापना’ एवं ‘प्रसारमाध्यम’, इन विषयोंपर तेजस्वी भाषण संपादित स्वरूपमें हैं तथा हिंदुत्वके क्षेत्रमें कार्य करनेवाले प्रत्येकके लिए प्रेरणादायी होनेके साथ ही जन्महिंदुओंको कर्महिंदू बननेके लिए भी मार्गदर्शक हैं ।
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