वर्णाश्रमव्यवस्था

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वर्णाश्रमव्यवस्था, भारतीय समाजजीवनकी नींव थी । आश्रमव्यवस्थाद्वारा व्यक्तिगत जीवन उन्नत करना तथा वर्णव्यवस्थाद्वारा सामाजिक एकता एवं उन्नति साधना, ऐसा ध्येय वर्णाश्रमव्यवस्थाका है । इस व्यवस्थाके कारण ही सहस्रों वर्ष भारतीय समाजजीवनको स्थिरता प्राप्त हुई थी । इस व्यवस्थाके विषयमें विस्तृत जानकारी देनेवाले प्रस्तुत ग्रंथमें आप पढेंगे…

  • चातुर्वर्ण्यका इतिहास
  • जातियां नष्ट करनेका उपाय
  • जातियोंकी निर्मिति एवं इतिहास
  • वर्ण निश्चित करना कठिन क्यों है ?
  • प्राचीन कालमें वर्ण-परिवर्तन कैसे होता था ?
  • ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र इन चार वर्णोंकी विशेषताएं
  • ब्रह्मचर्याश्रम, गृहस्थाश्रम, वानप्रस्थाश्रम एवं संन्यासाश्रमका महत्त्व एवं विशेषताएं
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