Weight | 0.086 kg |
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No of Pages | 68 |
ISBN | 978-93-91069-09-4 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले, श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ एवं अन्य |
Group | 25270 |
केश काटनेसम्बन्धी आध्यात्मिक दृष्टिकोण (केशसम्बन्धी संस्कारोंसहित)
₹80 ₹72
Also available in: Marathi , English
मानवीय शरीरमें प्रकृतिद्वारा की गई केशकी योजना केवल सौन्दर्यवर्धन के लिए नहीं; अपितु केशके माध्यमसे ईश्वरीय चैतन्य ग्रहण करने तथा जीव की सात्त्विकता बढानेके लिए है । इस ग्रन्थमें केशके माध्यमसे ईश्वरीय चैतन्य ग्रहण कर अनिष्ट शक्तियोंके आक्रमणसे जीवकी रक्षा किस प्रकारसे होती है, इसका भी शास्त्रीय विवेचन किया गया है । स्त्रीद्वारा केश काटना, केश खुले छोडकर विचरण करना, ऐसे कृत्य अनिष्ट शक्तियोंके आक्रमणोंको एक प्रकारसे आमन्त्रण ही देते हैं । केशके सम्बन्धमें ऐसे अहितकर कृत्य टालकर उचित कृत्योंके विषयमें मार्गदर्शन इस ग्रन्थमें आपको मिलेगा ।
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