Weight | 0.139 kg |
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No of Pages | 88 |
Language | Hindi |
ISBN | 978-93-89098-17-4 |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले एवं सद्गुरू डॉ. चारुदत्त प्रभाकर पिंगळे |
Group | 2509 |
धर्मशिक्षा फलक (हिंदी)
₹65 ₹59
Also available in: Marathi
धर्माचरणका शास्त्र एवं महत्व समझनेपर वह उचित पद्धितिसे आैर भावपूर्वक होता है । इससे उचित फलप्राप्ति अधिक होती है । धर्माचरणके साथ स्वभाषा, स्वसंस्कृती एवं स्वराष्ट्र के प्रति अभिमानका पोषण करनेवाली शिक्षाप्रणालीके कारण, राष्ट्र एवं धर्म की स्थिति दृढ होती है । इसी दिशामें यह ग्रन्थ एक प्रयास है ।

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Category: आचारधर्म
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