Weight | 0.085 kg |
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No of Pages | 68 |
ISBN | 978-93-85575-93-8 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले एवं सद्गुरू (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ |
असात्त्विक आहारके दुष्परिणाम
₹80 ₹72
Also available in: English , Marathi
सात्त्विक आहारका (खाद्यपदार्थका) सेवन करनेसे स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा असात्त्विक आहारका सेवन करनेसे स्वास्थ्यकी हानि होती है ।
आजकल ‘हरित क्रांति’के नामपर रासायनिक खादोंका प्रयोग; फलवाली तरकारियों, साग, पशुओं के हरे चारों आदि पर रासायनिक कीटनाशक छिडके जाते हैं । इससे अन्न, फल, तरकारी, दूध आदि अनेक पदार्थ विषैले हो गए हैं । ऐसे आहार सात्विक कैसे रह सकते हैं ?
ऐसे विषैले आहारोंके दुष्परिणाम और उससे बचनेके उपाय प्रस्तुत ग्रंथमें बताए गए हैं तथा मद्यपानके दुष्परिणामोंको अधिक प्रभावी ढंगसे समझानेके लिए मद्यका ‘सूक्ष्म-ज्ञानसंबंधी चित्र’ भी दिया हुआ है ।

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