केशकी समस्याओंके आयुर्वेदीय एवं आध्यात्मिक उपचार

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आजकल ऐसा एक भी पुरुष अथवा स्त्री मिलना दुर्लभ है, जिसे केशकी कोई भी समस्या न हो । केशमें रूसी होना, केश असमय श्वेत होना, उनका झडना अथवा खल्वाटता (गंजापन) आदि समस्याएं आजकल सर्वत्र दिखाई देती हैं । ये समस्याएं शारीरिक तथा मानसिक कारणोंसे ही उत्पन्न होती हैं, ऐसा मानकर इनपर उपचार किए जाते हैं । ये उपचार मुख्यतः विषम चिकित्सा विज्ञान अर्थात ‘एलोपैथी’के आधारपर किए जाते हैं ।
आधुनिक विज्ञान केशकी समस्याओंके कारणोंका विचार करते समय केवल शारीरिक एवं मानसिक कारणोंका ही विचार करता है । केश अत्यधिक झडना, स्त्रियोंके होंठ तथा ठोडीपर दाढी-मूंछके समान रोम होना आदि समस्याओंके कारण ‘आध्यात्मिक’ होते हैं । इस ग्रन्थमें केशकी समस्याओंके मूलभूत आध्यात्मिक कारणोंका भी विवेचन किया गया है तथा ग्रन्थमें केशकी विशिष्ट समस्याओंपर आयुर्वेदीय उपचार भी दिए हैं । आयुर्वेदीय औषधिसे विकार जडसे नष्ट होते हैं । उनमें प्राकृतिक घटक होनेके कारण उनके दुष्परिणाम भी नहीं होते ।

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केशकी समस्याओंके आयुर्वेदीय एवं आध्यात्मिक उपचार

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