Weight | 0.105 kg |
---|---|
No of Pages | 76 |
ISBN | 978-93-87508-87-3 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले, पू. संदीप आळशी |
Group | 2890 |
विकार-निर्मूलन हेतु नामजप (नामजप का महत्त्व एवं उसके प्रकाराेंका अध्यात्मशास्त्र)
₹95 ₹86
Also available in: English , Marathi
साधारणतः हिन्दुआेंको यह ज्ञात होता है कि देवताका नामजप करना, उपासना है; परन्तु यह ज्ञात नहीं होता कि विकारोंके निर्मूलन हेतु भी देवताका नामजप उपयुक्त होता है । अमेरिका जैसे पश्चिमी देशोंमें आेंकारके जपपर गहन शोध होता है तथा पश्चिमी लोग आेंकारका जप कर विकारोंसे मुक्त भी होते हैं । मनुष्यके अधिकतर शारीरिक और मानसिक विकारोंका मूल कारण आध्यात्मिक रहता है । यह कारण नष्ट करनेके लिए आध्यात्मिक स्तरपर उपचार करना पडता है । नामजप एक उत्तम आध्यात्मिक उपचार है । आध्यात्मिक कारणोंमेंसे प्रारब्ध (भाग्य) एक महत्त्वपूर्ण कारण है । नामजपसे रोगीका मन्द प्रारब्ध नष्ट होनेमें सहायता मिलती है, मध्यम प्रारब्ध घटता है तथा तीव्र प्रारब्ध भोगकर समाप्त करनेके लिए उसका मन तैयार होता है ।
In stock
Reviews
There are no reviews yet.