Weight | 0.082 kg |
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No of Pages | 64 |
ISBN | 978-93-84461-45-4 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डाॅ. जयंत बाळाजी आठवले, श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ |
रसोईके आचारोंसम्बन्धी अध्यात्मशास्त्र (भाग २) (भोजन बनानेसे परोसनेतक आवश्यक सावधानी !)
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Also available in: English , Marathi
- पानी संग्रहित करने हेतु तांबे के बर्तनों का प्रयोग क्यों करते हैं ?
- मंद आंच पर रसोई बनाने के क्या लाभ हैं ?
- चूल्हे के समीप बैठकर भोजन बनाने के क्या लाभ होते हैं ?
- श्री अन्नपूर्णादेवी की विशेषताएं एवं कार्य कौनसे हैं ?
जैसे रसोईके दैनिक कृत्योंका अध्यात्मशास्त्रीय आधार इस ग्रंथमें दिया है ।
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