परात्पर गुरु डाॅ. आठवलेजीके वर्ष १९९३ में आयोजित अभ्यासवर्ग

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अध्यात्मका प्रसार होनेमें अभ्यासवर्गोंका महत्त्व अनन्य है । प्रवचन अथवा सत्संग की तुलनामें अभ्यासवर्गमें होनेवाले प्रश्न-उत्तरों से जिज्ञासुओं एवं साधकों का शंका समाधान भलीभांति होता है एवं उनकी साधना बढती है । वे साधनाके अगले चरणपर पहुंचते हैं । परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ने वर्ष १९८६ से वर्ष १९९४ के बीच विविध स्थानोंपर अभ्यासवर्ग लिए । प्रस्तुत खण्डमें परात्पर गुरु डॉक्टरजीने वर्ष ९३ में लिए अभ्यासवर्गाेंके सूत्र समाविष्ट किए हैं ।

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परात्पर गुरु डाॅ. आठवलेजीके वर्ष १९९३ में आयोजित अभ्यासवर्ग

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