Weight | 0.082 kg |
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No of Pages | 64 |
ISBN | 978-93-82461-22-7 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले एवं पू. संदीप आळशी |
सकाम कर्म, निष्काम कर्म, कर्मफलत्याग एवं अकर्म कर्म
₹65 ₹59
Also available in: Marathi
- कर्मके चरण कौनसे हैं ?
- कर्मबंधनरहित कर्म कैसे करें ?
- निष्काम कर्म करनेका महत्त्व एवं लाभ क्या हैं ?
- कर्म, फलकी अपेक्षासे रहित क्यों करना चाहिए ?
- जन्मसे ही कोई धनी अथवा निर्धन क्यों होता है ?
- निष्काम कर्म करनेसे आध्यात्मिक उन्नति कैसे साध्य होती है ?
- सकाम कर्मसे मनुष्य कर्मबंधनमें क्यों फंसता है ?
- नामजपसहित कर्म, ‘अकर्म कर्म’ कैसे होता है ?
- कर्मफल कर्मके उद्देश्यपर क्यों निर्भर रहता है ?
- मायांतर्गत निष्काम कर्म एवं अध्यात्मांतर्गत निष्काम कर्ममें क्या भेद हैं ?
ऐसे प्रश्नोंपर इस ग्रंथमें विवेचन किया है ।
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