Weight | 0.123 kg |
---|---|
No of Pages | 104 |
ISBN | 978-93-5257-064-5 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले, सद्गुरू (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ तथा श्री. निषाद श्याम देशमुख |
Group | 2375 |
पूजापूर्व व्यक्तिगत व्यवस्था
₹110 ₹99
Also available in: English , Marathi
घर-घरमें नित्य नियमसे किए जानेवाले देवतापूजनसे पूजक सहजतासे ईश्वरीय चैतन्य ग्रहण कर पाता है । पूजा करनेसे पूर्व पूजककी सात्त्विकता (सत्त्वगुणकी मात्रा) जितनी बढेगी, उतना वह पूजासे ईश्वरीय चैतन्य अधिक ग्रहण करता है । पूजककी व्यक्तिगत सिद्धता (तैयारी) उसकी सात्त्विकता बढानेमें लाभदायक होती है ।
देवतापूजनके लिए सिद्ध (तैयार) होते समय
- पुरुषको शर्ट-पैंटकी अपेक्षा धोती-उपवस्त्र एवं स्त्रीको छः गजकी साडीकी अपेक्षा नौ गजकी साडी क्यों धारण करनी चाहिए,
- पुरुषको उपवस्त्र बाएं कंधेपर क्यों लेना चाहिए,
- पूजकको गहरे रंगके वस्त्र क्यों धारण करने चाहिए,
- स्त्रीको सिरपर पल्लू क्यों लेना चाहिए,
ऐसे अनेक प्रश्नोंके अध्यात्मशास्त्रीय उत्तर जाननेके लिए यह ग्रंथ अवश्य पढें !
In stock
Reviews
There are no reviews yet.