Weight | 0.035 kg |
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No of Pages | 80 |
ISBN | 978-81-89970-58-1 |
Language | Hindi |
Group | 2486 |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले , सद्गुरू (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ एवं कु. प्रियांका विजय लोटलीकर |
विवाहसंस्कार
₹15
Also available in: English , Marathi
‘विवाह’ कोई ‘समारोह’ नहीं; अपितु पति-पत्नीका भावी जीवन एक-दूसरेके लिए पूरक एवं सुखी होने हेतु ईश्वरका आशीर्वाद ग्रहण करवानेवाली धार्मिक विधि है !
विवाहपत्रिका कैसी होनी चाहिए, विवाहमें पवित्रता बनाए रखकर आदर्शरीतिसे कैसे संपन्न करें आदिविषयक दिशादर्शन करनेवाला ग्रंथ ! इसमें आप पढेंगे….
- विवाह समारोहके संदर्भमें क्या टालें ?
- विवाहके दिन कौनसी विधि एवं कृत्य करना आवश्यक है ?
- विवाह समारोहके प्रत्येक कृत्यका अध्यात्मीकरण करना क्यों आवश्यक है ?
- पंजीकृत (रजिस्टर्ड) विवाहकी अपेक्षा धार्मिक पद्धतिसे किया गया विवाह क्यों श्रेयस्कर है ?
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