Weight | 0.106 kg |
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No of Pages | 88 |
ISBN | 978-93-89098-80-8 |
Language | Hindi |
Group | 2945 |
Compilers | परात्पर गुरु डाॅ. जंयत आठवले (अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिके भूतपूर्व सम्मोहन उपचार-विशेषज्ञ) |
अपने स्वभावदोष कैसे ढूंढें ? (उत्तम साधना एवं आदर्श जीवनके लिए उपयुक्त !)
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Also available in: English , Marathi
मानवीय मनके गुण-दोष एक ही सिक्के (धातुमुद्रा) के दो पहलू हैं । इसलिए अपने मनके अध्ययनमें स्वभावके गुण-दोष ढूंढना आवश्यक है । प्रस्तुत ग्रंथमें विस्तृतरूपसे बताया गया है कि,
१. स्वयं ही अपने गुण-दोष कैसे पहचानें
२. स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रियाके माध्यमसे अंतर्मुखता साध्य कर सुखप्राप्ति हेतु स्वयंमें आवश्यक परिवर्तन कैसे लाएं ।
३. स्वभावदोष-निर्मूलन सारणीका स्वरूप
४. योग्य कृति निश्चित करनेकी पद्धति
५. अयोग्य प्रतिक्रियाका/ कृतिका अभ्यास कर स्वभावदोष ढूंढनेकी पद्धति

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