Weight | 0.142 kg |
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No of Pages | 120 |
ISBN | 978-93-87508-07-1 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले (अंतरराष्ट्रीय स्तरके सम्मोहन उपचार विशेषज्ञ) |
Group | 2264 |
स्वभावदोष (षड्रिपु)-निर्मूलनका महत्त्व एवं गुण-संवर्धन प्रक्रिया
₹120 ₹108
Also available in: English , Marathi
जीवन के विविध क्षेत्रोंमें सफल होने के लिए आवश्यक ‘प्रभावी’ एवं ‘आदर्श’ व्यक्तित्व विकसित करने हेतु स्वभावदोष-निर्मूलन के साथ ही गुण-संवर्धन के लिए भी प्रयास करना आवश्यक है।
गुण-संवर्धन प्रक्रिया का महत्त्व, उससे होनेवाले लाभ, इस प्रक्रिया के विविध चरणोंमें किए जानेवाले प्रयत्न इत्यादि सूत्रोंके विषयमें विस्तृत जानकारी इस ग्रन्थ के ‘अध्याय २ – गुण-संवर्धन प्रक्रिया’में दी है।
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