Weight | 0.079 kg |
---|---|
ISBN | 978-93-89098-81-5 |
No of Pages | 60 |
Language | Hindi |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले एवं श्रीचित् शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळ व अन्य |
अलंकारोंका महत्त्व (अलंकार अर्थात सात्त्विकता प्रदान करनेवाली संपदा !)
₹70 ₹63
Also available in: Marathi , English
अलंकार हिन्दू संस्कृतिकी अनमोल धरोहर है । समयके परिवर्तनके साथ हिन्दू संस्कृतिपर पश्चिमी संस्कृतिका रंग चढा । अलंकाररूपी धरोहरकी ओर अनदेखी होने लगी ।
इस ग्रंथमालाका मूल उद्देश्य यह अध्यात्मशास्त्रीय दृष्टिकोण देना है कि ‘अलंकार अर्थात दैवी कृपा- प्राप्तिमें सहायक साधन’ । अलंकार पहननेसे ईश्वरीय शक्ति एवं चैतन्य प्राप्त होते हैं, शरीरकी काली (अनिष्ट) शक्ति घटकर अनिष्ट शक्तियोंसे हमारी रक्षा होती है, अलंकार पहने हुए अंगोंपर ‘सूचीदाब (एक्यूप्रेशर)’ उपाय होते हैं । अलंकारोंका यह महत्त्व बतानेवाले ऐसे अनेक अन्य ग्रन्थोंमें शास्त्रसहित स्पष्ट किए गए हैं ।
In stock
Reviews
There are no reviews yet.