Weight | 0.101 kg |
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No of Pages | 80 |
ISBN | 978-93-94097-69-8 |
Language | Hindi |
Compilers | सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, पू. संदीप आळशी |
Group | 2270 |
सुसंस्कार एवं उत्तम व्यवहार
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Also available in: English , Marathi
- बच्चोंकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ?
- सुलेख अच्छा होनेके लिए क्या करना चाहिए ?
- विद्यालयमें हमारा आचरण कैसा होना चाहिए ?
- बच्चें अपने सामने किसका आदर्श रखें ?
- बच्चें कौनसे खेल खेलें और कौनसे नहीं ?
- रातको समयपर सोकर सवेरे समयपर उठनेका क्या महत्त्व है ?
- बच्चोंको माता-पिता और शिक्षकसे कैसा आचरण करना चाहिए ?
आजके बच्चे ही देशके भावी आधारस्तंभ हैं। इसलिए उन्हें गुणी तथा आदर्श होना चाहिए। अनिष्ट संस्कारोंसे क्या हानि होती है, बच्चे माता-पिता एवं शिक्षकसे कैसा व्यवहार करें, कौनसे खेल खेलें तथा कौनसे नहीं आदि विषयोंपर विवेचन करनेवाला ग्रंथ, भावी पीढीके लिए दीपस्तंभ ही है !
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