Weight | 0.96 kg |
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No of Pages | 76 |
ISBN | 978-93-91069-60-5 |
Language | Hindi |
Group | 2270 |
Compilers | परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले एवं पू. संदीप आळशी |
सुसंस्कार एवं उत्तम व्यवहार
₹90 ₹81
Also available in: English , Marathi
- बच्चोंकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ?
- सुलेख अच्छा होनेके लिए क्या करना चाहिए ?
- विद्यालयमें हमारा आचरण कैसा होना चाहिए ?
- बच्चें अपने सामने किसका आदर्श रखें ?
- बच्चें कौनसे खेल खेलें और कौनसे नहीं ?
- रातको समयपर सोकर सवेरे समयपर उठनेका क्या महत्त्व है ?
- बच्चोंको माता-पिता और शिक्षकसे कैसा आचरण करना चाहिए ?
आजके बच्चे ही देशके भावी आधारस्तंभ हैं। इसलिए उन्हें गुणी तथा आदर्श होना चाहिए। अनिष्ट संस्कारोंसे क्या हानि होती है, बच्चे माता-पिता एवं शिक्षकसे कैसा व्यवहार करें, कौनसे खेल खेलें तथा कौनसे नहीं आदि विषयोंपर विवेचन करनेवाला ग्रंथ, भावी पीढीके लिए दीपस्तंभ ही है !

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