नामजप कौनसा करें ?

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‘कलियुग में नामजप, ईश्वरप्राप्ति करने का सर्वोत्तम साधन है’, ऐसा अनेक सन्तों ने कहा है । जिज्ञासु एवं नामजप साधना आरम्भ करने के इच्छुक व्यक्तियों द्वारा किए जानेवाले नामजप के सम्बन्ध में इस ग्रन्थ में बताया गया है ।

‘अनिष्ट शक्ति’अर्थात कष्टदायक सूक्ष्म-देह (लिंगदेह) । ‘अनिष्ट शक्तियों के कष्टों के निवारण के लिए कौनसा नामजप करना चाहिए ?’, इसका मार्गदर्शन भी इस ग्रन्थ में किया है ।

जिस प्रकार विद्यालय में आगे की कक्षा में अगले चरण की पढाई होती है, उसी प्रकार नामजप-साधना की अगली अवस्था में अलग-अलग नामजप करने पड सकते हैं । इस सम्बन्ध में भी प्रस्तुत ग्रन्थ अनमोल मार्गदर्शन करता है ।

इसके अतिरिक्त इस ग्रन्थ में नामजप के कुछ अन्य प्रकार, उदा. ‘ॐ’का नामजप, इच्छापूर्ति करनेवाले देवता का नामजप, इन्द्रियों का कार्य सुधारने के लिए इन्द्रियों के देवताओं का नामजप तथा साम्प्रदायिक नामजप की मर्यादा, नामजप के होनेवाले परिणाम आदि जानकारी भी दी गई है ।

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