आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियाेंके निरोगी रहें !

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प्रतिदिन व्यायाम करना, उचित समय पर एवं उचित मात्रा में आहारका सेवन करना , पर्याप्त नींद लेना आदि दिनचर्याके मूलभूत कृत्य करनेसे रोगप्रतिरोधक शक्ति बढती है और शरीर निरोगी रहता है । इन मूलभूत कृत्योंका महत्त्व बताकर आज के भागदौड भरे जीवनमें भी ये कृत्य कैसे करें, इसका मार्गदर्शन करनेवाला ग्रन्थ !

  • द्रष्टा सन्तोंद्वारा बताए अनुसार निकट आता तृतीय विश्वयुद्ध और आधुनिक चिकित्सा शास्त्र की सीमाएं ।
  • तृतीय विश्वयुद्धमें प्रत्येकको यथासम्भव स्वयं ही वैद्य बनना होगा ।प्रस्तुत ग्रन्थ इसकी ‘पहली सीढी’ है ।
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आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियाेंके निरोगी रहें !

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