Weight | 0.096 kg |
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ISBN | 978-81-951965-0-0 |
No of Pages | 80 |
Language | Hindi |
Guidance | सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले |
Compilers | वैद्य मेघराज माधव पराडकर |
आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियाेंके निरोगी रहें !
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Also available in: English , Marathi
प्रतिदिन व्यायाम करना, उचित समय पर एवं उचित मात्रा में आहारका सेवन करना , पर्याप्त नींद लेना आदि दिनचर्याके मूलभूत कृत्य करनेसे रोगप्रतिरोधक शक्ति बढती है और शरीर निरोगी रहता है । इन मूलभूत कृत्योंका महत्त्व बताकर आज के भागदौड भरे जीवनमें भी ये कृत्य कैसे करें, इसका मार्गदर्शन करनेवाला ग्रन्थ !
- द्रष्टा सन्तोंद्वारा बताए अनुसार निकट आता तृतीय विश्वयुद्ध और आधुनिक चिकित्सा शास्त्र की सीमाएं ।
- तृतीय विश्वयुद्धमें प्रत्येकको यथासम्भव स्वयं ही वैद्य बनना होगा ।प्रस्तुत ग्रन्थ इसकी ‘पहली सीढी’ है ।
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