Weight | 0.131 kg |
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No of Pages | 112 |
ISBN | 978-93-5257-121-5 |
Language | Hindi |
Group | 26681 |
Compilers | सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त प्रभाकर पिंगळे, एम.एस. (ई.एन.टी.) एवं डॉ. दुर्गेश शंकर सामंत, एम.डी. (मेडिसिन) |
रक्तस्त्राव, घाव, अस्थिभंग आदि का प्राथमिक उपचार
₹110 ₹99
Also available in: Marathi , English
‘प्राथमिक उपचार’का साधारण अर्थ है, रोगीको चिकित्सकीय उपचार मिलनेतक उसपर किए जानेवाले उपचार।आजकी भागदौड भरी जीवनशैली तथा भावी तृतीय विश्वयुद्ध, प्राकृतिक आपदाएं, दंगे आदि का विचार करनेपर, समाज और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य के रूपमें ‘प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण’ लेना, प्रत्येक कर्तव्य निष्ठ नागरिक के लिए आवश्यक है । छोटे-मोटे घावसे रक्त बहने पर सामान्यतया कोई नहीं घबराता; किन्तु जब गम्भीर चोट लगती है, उस समय ‘क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए’, यह अनेक लोग समझ नहीं पाते। घावसे अधिक रक्त बहना, अस्थिभंग, स्नायुमें चोट लगना, जोडोंकी हड्डियोंका अपने स्थानसे खिसक जाना, स्नायुआेंमें गोला आना आदि समस्याआेंमें किए जानेवाले प्राथमिक उपचार इस ग्रन्थमें दिए हैं। इसके अतिरिक्त पट्टी बांधना (ड्रेसिंग, बैण्डेज) तथा झोली (स्लिंग), इन अध्यायोंसे इनसे सम्बन्धित कार्य करनेकी उचित पद्धति समझना सरल होगा ।
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