Weight | 0.133 kg |
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ISBN | 978-93-89098-59-4 |
No of Pages | 112 |
Language | Hindi |
Compilers | सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, पू. संदीप आळशी |
आदर्श शिष्य कैसे बनें ?
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- गुरु क्यों न ढूंढें ?
- गुरुसे क्या मांगें ?
- गुरुकी प्राप्त हेतु क्या करें ?
- शिष्य बननेके लिए कौनसे गुण होने चाहिए ?
- शिष्यका जीवन कैसा हो ?
- अर्जुनको ‘उत्तम शिष्य’ क्यों कहा गया है ?
- शिष्यका गुरुके प्रति भाव कैसा हो ?
- शिष्यका गुरुसे और गुरुबंधुओंसे व्यवहार कैसा हो ?
- स्वयं ही अपनेआपको किसीका शिष्य समझना क्यों अयोग्य है ?
इत्यादि विषयोंका विस्तृत विवरण इस ग्रंथमें दिया है ।
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